टैक्स प्लानिंग के लिहाज से दिसंबर महीना काफी अहम है. अगर आपने अब तक टैक्स प्लानिंग नहीं की है तो अब कर लें. टैक्स प्लानिंग से पहले टैक्स रिजिम कैसे चुनें? किस व्यक्ति के लिए कौन-सी टैक्स रिजिम सही है? ओल्ड टैक्स रिजिम में कौन-कौन से डिडक्शन मिलते हैं? जानें...
नए वित्त वर्ष 2023-24 में नए सिरे से टैक्स की प्लानिंग भी शुरू हो चुकी है. साल के शुरुआत में दो कामों को प्राथमिकता के साथ पूरा करना होगा. पहला नई या पुरानी टैक्स व्यवस्था का चुनाव और दूसरा अगर सैलरीड एम्पलॉय हैं तो निवेश डिक्लेरेशन जमा करना.
नए वित्त वर्ष 2023-24 में नए सिरे से टैक्स की प्लानिंग भी शुरू हो चुकी है. साल के शुरुआत में दो कामों को प्राथमिकता के साथ पूरा करना होगा.
आयकर विभाग की वेबसाइट पर टैक्स कैलकुलेटर की मदद से आप नई और पुरानी व्यवस्था में अपने टैक्स की गणना करके सही कर व्यवस्था चुन सकते हैं.
नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है. ऐसे में नए सिरे से टैक्स प्लानिंग करने का समय आ गया है. टैक्स प्लानिंग का सही समय क्या है? नई और पुरानी कर व्यवस्था में कैसे करें टैक्स प्लानिंग? टैक्स प्लानिंग कैसे दिला सकता है ज्यादा रिटर्न? जानें...
अगर आप टैक्स प्लानिंग से चूक गए हैं तो अभी 31 मार्च 2023 तक का समय आपके पास है. फाइनेंशियल ईयर 2022-23 खत्म होने वाला है.....
टैक्स प्लानिंग पूरी करने के लिए बड़ी संख्या में लोग अंतिम समय का इंतजार करते हैं. इस लापरवाही का उन्हें बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है.
टैक्स देने वालों को इस बार अतिरिक्त जानकारी भी मुहैया करानी होगी। इस साल से कई बदलाव हुए हैं, जो ITR फाइल करते वक्त आपको ध्यान रखने होंगे.
शेयरों और म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स किस हिसाब से लगता है... इस निवेश पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स डिडक्शन का फायदा कैसे मिले.
प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले टैक्स के मामले में इंडेक्सेशन का फायदा मिलता है. लेकिन इसे समझना काफी जटिल होता है खासकर प्रॉपर्टी विरासत में मिली हो.